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Pilibhit Tiger Reserve में पर्यटकों को बाघ के पास दिखाना पड़ा महंगा, 2 गाइड और 2 ड्राइवर को मिली कड़ी सजा

Pilibhit Tiger Reserve में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जिसमें दो गाइड और दो ड्राइवरों ने बाघ को पर्यटकों के पास बहुत नजदीक ले जाकर एक बड़ी गलती की, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें कड़ी सजा मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन गाइडों और ड्राइवरों को नियमों का उल्लंघन करने के कारण निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि इन गाइडों और ड्राइवरों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।

घटना का विवरण और नियमों का उल्लंघन

अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना बुधवार को उस समय हुई जब एक सफारी वाहन बाघ के पास बहुत नजदीक पहुंच गया। उन्होंने बताया कि बाघ के पास इतनी नजदीक जाने से नियमों का उल्लंघन होता है, जिसके कारण इन पर कार्रवाई की गई है। इन गाइडों और ड्राइवरों का मानना था कि वे बाघ को पर्यटकों को दिखाने के लिए करीब लाए थे, लेकिन यह एक खतरनाक और अवैध कार्य था, क्योंकि यह बाघ के लिए खतरनाक हो सकता था और पर्यटकों की सुरक्षा भी दांव पर थी।

Pilibhit Tiger Reserve में पर्यटकों को बाघ के पास दिखाना पड़ा महंगा, 2 गाइड और 2 ड्राइवर को मिली कड़ी सजा

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद अधिकारियों ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। अधिकारियों के अनुसार, वीडियो में दिखाया गया था कि सफारी के वाहन बाघ को चारों ओर से घेरने के लिए बहुत नजदीक पहुंच गए थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पिलिभित टाइगर रिजर्व के उप निदेशक मनीष सिंह ने महोद रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी साहेन्द्र यादव से रिपोर्ट मांगी।

स्थानीय अधिकारियों की जांच और कार्रवाई

जांच के बाद, उप निदेशक मनीष सिंह ने पुष्टि की कि यह घटना सच थी, और इसके बाद गुरुवार को 2 नेचर गाइड और 2 ड्राइवरों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। मनीष सिंह ने कहा, “यह घटना महोद रेंज में हुई, जब कुछ सफारी वाहन पर्यटकों को लेकर वहां से गुजर रहे थे और उन्होंने बाघ को देखा। इसके बाद अन्य सफारी वाहन भी मौके पर पहुंचे और बाघ को चारों ओर से घेर लिया।”

गाइडों और ड्राइवरों का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार

अधिकारियों के मुताबिक, सफारी के वाहन बाघ के पास बहुत नजदीक पहुंच गए थे, जिससे बाघ को डर हो सकता था और पर्यटकों की सुरक्षा भी खतरे में थी। साथ ही, इस दौरान पर्यटकों ने बाघ की तस्वीरें लीं और वीडियो रिकॉर्ड किए, जो दर्शाता है कि गाइड और ड्राइवर ने बहुत ही गैर जिम्मेदाराना तरीके से बाघ को पर्यटकों के पास लाया। यह बाघों के लिए खतरे का कारण बन सकता था क्योंकि बाघ अपनी सुरक्षा के लिए प्रतिक्रिया कर सकता था।

पिलिभित टाइगर रिजर्व का महत्व

पिलिभित टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश के पिलिभित और शाहजहाँपुर जिलों में फैला हुआ है और भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित है। यहां पर 70 से ज्यादा बाघों का निवास है, जिससे यह रिजर्व बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण घर है। इसके अलावा, यह रिजर्व अन्य दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे भारतीय तेंदुआ, स्वांप डियर और बेंगाल फ्लोरिकन का भी घर है।

ड्राइवरों और गाइडों की सजा का उद्देश्य

इस घटना में गाइडों और ड्राइवरों को निलंबित करने का उद्देश्य यह था कि उन्हें यह सिखाया जा सके कि वन्यजीवों को देखकर उनकी सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। वन्यजीवों के साथ काम करने वाले सभी व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी भी तरह से जानवरों की शांति और सुरक्षा में बाधा न डालें। इस मामले में कार्रवाई से यह संदेश मिलता है कि अगर कोई व्यक्ति वन्यजीवों के साथ अनुशासनहीन व्यवहार करेगा तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

वन्यजीव संरक्षण की अहमियत

वन्यजीवों और उनके आवासों की रक्षा के लिए वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है। पिलिभित टाइगर रिजर्व और अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में सफारी का आयोजन इस उद्देश्य के लिए किया जाता है ताकि पर्यटक वन्यजीवों के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध बना सकें, लेकिन इसके लिए उचित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना बेहद जरूरी है। वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता और उनका सम्मान करने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रहें और पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव हो सके।

पिलिभित टाइगर रिजर्व में बाघों का संरक्षण

पिलिभित टाइगर रिजर्व में बाघों के संरक्षण के लिए कई पहल की जा रही हैं। यहां पर बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो इस रिजर्व के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इसके साथ ही, वन्यजीवों के संरक्षण के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाएं और परियोजनाएं चलायी जा रही हैं, जिनका उद्देश्य वन्यजीवों की प्रजातियों को बचाना और उनके आवासों की सुरक्षा करना है।

पिलिभित टाइगर रिजर्व में हुए इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया कि वन्यजीवों के साथ अनुशासनहीन व्यवहार करना खतरनाक हो सकता है। गाइडों और ड्राइवरों को मिली कड़ी सजा यह संदेश देती है कि वन्यजीवों की सुरक्षा और उनकी शांति को बनाए रखना हमारे सभी जिम्मेदारी है। इस मामले में की गई कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम है, और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियमों का पालन करना आवश्यक है।

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